भारत जैसे देश में जहाँ आस्था और धार्मिक विश्वासों का गहरा प्रभाव है, वहाँ लोग अकसर “ढोंगी बाबाओं” के झांसे में फंस जाते हैं। इन बाबाओं का मुख्य उद्देश्य अंधविश्वास के नाम पर भोले-भाले लोगों से पैसे ऐंठना होता है। ये बाबा अपने भक्तों को दावा करते हैं कि उनके पास हर बीमारी का इलाज है और वे मानसिक और आर्थिक समस्याओं का हल चुटकी में कर सकते हैं।
2. अंधविश्वास का इतिहास और वर्तमान स्थिति
भारत में अंधविश्वास की जड़ें बहुत पुरानी हैं। सदियों से लोग चमत्कारी उपचार और दैवीय शक्ति में विश्वास करते आ रहे हैं। विज्ञान के विकास के बावजूद, ग्रामीण इलाकों में यह विश्वास अभी भी मजबूत है कि एक बाबा या गुरु के पास हर समस्या का समाधान हो सकता है। इसी कारण से ढोंगी बाबा लोगों की भावनाओं का फायदा उठाते हैं और उनकी परेशानी को दूर करने के नाम पर भारी रकम वसूलते हैं।
3. ढोंगी बाबाओं के फर्जी इलाज के तौर-तरीके
ढोंगी बाबाओं के कई तरीके होते हैं जिनसे वे लोगों को फंसाते हैं। कुछ बाबा जड़ी-बूटियों और चमत्कारी धागों का उपयोग करके लोगों को विश्वास में लेते हैं, तो कुछ मंत्र-तंत्र के सहारे अपने भक्तों से धन वसूलते हैं। ये बाबा अक्सर बड़े-बड़े दावे करते हैं और इलाज के लिए भारी फीस मांगते हैं। साथ ही ये लोग कहते हैं कि कोई व्यक्ति यदि EMI में भुगतान करना चाहे तो वह भी संभव है। वे इस तरह से लोन और EMI की सुविधा का लालच देकर लोगों से पैसा ऐंठते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ बाबा तो अपने भक्तों को सलाह देते हैं कि वे क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके उनकी फीस का भुगतान कर सकते हैं, ताकि लोग आसानी से आर्थिक रूप से फंस सकें।
4. सोशल मीडिया पर ढोंगी बाबाओं का प्रभाव
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते प्रभाव के कारण ढोंगी बाबा अब ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग करके भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन बाबाओं के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, जिनमें वे अपने चमत्कारी उपचारों का प्रदर्शन करते हैं। वे बड़ी-बड़ी बातों के जरिए अपने अनुयायियों को फंसा लेते हैं। ये बाबा वीडियो के माध्यम से अपने चमत्कार दिखाते हैं और कई बार आर्थिक मामलों जैसे लोन, क्रेडिट कार्ड, और EMI में छूट दिलाने का भी दावा करते हैं।
5. लोन, EMI, और क्रेडिट कार्ड का उपयोग
ढोंगी बाबाओं की धोखाधड़ी में लोगों को आर्थिक रूप से फंसाने के लिए लोन, EMI और क्रेडिट कार्ड का लालच भी शामिल होता है। कई लोग इन बाबाओं के इलाज के लिए लोन लेकर पैसा खर्च कर देते हैं। कुछ बाबा उन्हें EMI पर भुगतान की सुविधा का भी सुझाव देते हैं ताकि वे आसान किस्तों में उनकी फीस चुका सकें। उदाहरण के लिए, एक ढोंगी बाबा का दावा था कि उसके पास एक मंत्र है जो किसी भी व्यक्ति के सभी लोन माफ कर सकता है। इस बात पर विश्वास कर लोग क्रेडिट कार्ड और लोन के माध्यम से बाबा को पैसा देते हैं, लेकिन बाद में उन्हें समझ आता है कि वे ठगे गए हैं।
6. मनोवैज्ञानिक प्रभाव और समाज पर असर
ढोंगी बाबाओं की धोखाधड़ी का समाज पर गहरा असर पड़ता है। इन बाबाओं के झांसे में आने से लोग आर्थिक रूप से टूट जाते हैं और कई बार मानसिक समस्याओं का भी सामना करते हैं। कई लोग जिनका पैसा बाबा के पास चला गया, वे अवसाद और तनाव का शिकार हो जाते हैं। लोन की वजह से उन पर EMI का बोझ बढ़ जाता है, जिसे चुकाने के लिए वे और भी कर्ज लेते जाते हैं।
7. कानूनी पहलू और बचाव के उपाय
ढोंगी बाबाओं से बचने के लिए सरकार ने कुछ कानून बनाए हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता सीमित है। सबसे अच्छा उपाय यह है कि लोग खुद जागरूक हों और इन बाबाओं के चंगुल में न फंसें। कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- वास्तविक उपचार की तलाश करें: बीमारी या समस्या के लिए चिकित्सा विज्ञान की मदद लें।
- अंधविश्वास से दूर रहें: ढोंगी बाबाओं के झांसे में न आएं और इनसे बचें।
- अपनी वित्तीय जानकारी साझा न करें: अपने क्रेडिट कार्ड, लोन, और EMI की जानकारी किसी अजनबी के साथ साझा न करें।
8. निष्कर्ष
इस लेख से यह स्पष्ट होता है कि ढोंगी बाबा अपने अनुयायियों का मानसिक और आर्थिक शोषण करते हैं। जागरूकता और शिक्षा से ही इन बाबाओं से बचा जा सकता है, ताकि लोग किसी भी प्रकार के आर्थिक और मानसिक शोषण का शिकार न हों।
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